सैलाब की भयानकता के चलते हालत बिगड़ चुकी है।बाढ़ का सबसे काला पक्ष है सरकारी उदासीनता। राहत और बचाव का काम कहीं दिख नही रहा है।सब से बुरी हालत राहत की है कि गांवों में लोग भूख से व्याकुल है।
भारी सैलाब की वजह से लोग परेशान हैं,पानी सड़क पर बह रहा है।लोगों के बाहर निकलने के रास्ते बंद हो गये हैं लेकिन जन्ता की परेशानी पर अभी तक सरकार की उदासीनता के चलते विशेष धियान नहीं दिया जा रहा है.
ऐसे में देश में चल रही सामाजिक संस्थाएं बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आर ही हैं.कोशाम्बी इलाहाबाद में चल रहे दीनी इदारा जामिया आरफिया,खानकाह ए आरिफ़िया, शाह सफी मेमोरियल ट्रस्ट (इलाहाबाद) की एक टीम बिहार में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचा रही है. जामिया के प्रवक्ता मौलाना मुजीबुर्रहमान अलीमी ने बताया भीषण बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए बड़े अस्तर पर राहत कार्य शुरू कर किया गया है,फंड का कलेक्शन चालू है, राहत सामग्री खरीदी जा रही है, शाह सफी मेमोरियल ट्रस्ट की टीम बिहार में सीमांचल की तरफ पहुँच कर रिलीफ के पैकेज पहुँचाने में व्यस्त है।
मौलाना ने कहा चूंकि यह काम बहुत बड़ा है, इसले दुख की इस घड़ी मैं इंसानियत का दर्द रखने वाले लोगों से अनुरोध किया जाता है कि वे दिल खोल कर बाढ़ पीढ़ितों की मदद के लिए आगे आएं।
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