जामिया आरिफ़िया / खनक़ाहे आरिफ़िया में 14 जनवरी से 18 जनवरी तक '' जशने यौमे ग़ज़ाली '' के अवसर पर छात्रों के विभिन्न तालिमी कार्यक्रमों का आयोजन।
हिफज़े कुरान और हदीस, जेन्रल नालेज, अरबी, अंग्रेजी और उर्दू तक़रीरी और तहरीरी प्रतियोगिताओं में लगभग 450 विद्यार्थियों ने भाग लिया
जामिया आरिफ़िया सैयद सरावां इलाहाबाद में पिछले दस सालों से जशने यौमे ग़ज़ाली का आयोजन हो रहा है यह जश्न जामिया आरिफ़िया के छात्रों की तंज़ीम '' जमीअत अल तलबा '' की जानिब से मुनाक़ीद होता है। इस मौके पर जामिया आरिफ़िया के छात्रों के बीच क्षमताओं को निखारने और उजागर करने के लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रतियोगिताओं का इहतिमाम होता है। हर साल की तरह इस साल भी छात्रों के बीच 14 जनवरी से 18 जनवरी तक शानदार मुक़ाबला आयोजित किया गया
14 जनवरी की रात मग्रिब के बाद याद कुरान कार्यक्रम से ग़ज़ाली डे शुरू हुआ। दूसरे दिन सुबह तजवीद और क़िरअत का मुकाबला हुआ जबकि दोपहर बाद अंग्रेजी में भाषण का कार्यक्रम शुरू हुआ। बाद मग्रिब हिफज़े हदीस में भाग लेने वाले छात्रों ने हदीस की इबारत, तरजमा के साथ हदीस की किताबों के नाम याद करके परीक्षक शिक्षकों के सामने शानदार प्रदर्शन किया।
तीसरे दिन 16 जनवरी को सुबह एक अनूठा कार्यक्रम मुक़ाबला ए नह्व व सर्फ़ में भाग लेने वाले छात्रों ने अपनी किताबी क्षमताओं का भरपूर व्यक्त किया। बाद दोपहर पूरा हिफ्ज़ कुरान में विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतिस्पर्धी के चौथे दिन सुबह जनरल नालेज कार्यक्रम हुआ, जबकि ज़ोहर और माग्रिब के बीच अरबी और अंग्रेजी भाषाओं में भाषण प्रतियोगिता चलता रहा .साथ ही उर्दू लेखन कार्यक्रम में भी छात्रों ने हिस्सा लिया पांचवें दिन 18 जनवरी को उर्दू भाषण कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें छात्रों ने समय पर दिए गए विषय पर भाषण दिया। उसी दिन माग्रिब बाद मुबाहिसा की मजलिस सजाई गई जिसमें छात्रों ने अह्ले क़िब्ला की तारीफ और उसका हुक्म पर गंभीर चर्चा की। इस तरह जशने यौमे ग़ज़ाली के नाम से आयोजित होने वाले छात्रों के बौद्धिक, सांस्कृतिक और मकालमाती कार्यक्रमों का समापन 18 / जनवरी को हो गया। विभिन्न प्रतियोगी कार्यक्रमों में लगभग 450 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
20 / जनवरी 2017 अनुसार 21 / रबिउल आख़िर को हज़रत शेख अब्दुल क़ादिर जिलानी व महबूब इलाही ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया का उर्स मनाया जाएगा। इसी अवसर पर माग्रिब नमाज़ के बाद ग़ज़ाली डे में प्रथम, सेकेंड और थर्ड पोजीशन हासिल करने वाले विद्यार्थियों को शील्ड और प्रमाणपत्र भी सम्मानित किया जाएगा।
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